hajj ki fazilat

नबी करीम सल्लाहु-अल्लेह-वसल्लम ने फ़रमाया जिस ने अल्लाह के लिए हज किया और गुनाह ना किए ,वह ऐसा वापस होगा जैसे इस की माँ ने आज ही इस को जन्म दिया है। आप सल्लाहु-अल्लेह-वसल्लम ने ये भी इरशाद फ़रमाया के नेकी से भरे हुए हज का बदला जन्त के सिवा कुछ नहीं। [मश्कूत शरीफ] नेकी से भरा हुआ हज वोह है जो शोहरत और शेखी के लिए ना किया जाए बल्के सिर्फ अल्लाह ताला की राजा मंदी के लिए हो और इस में गुनाहों से परहेज़ /कोई गुनाह ना हो और लड़ाई झगड़ा ना हो।