BULAND DARWAZA

 

UP के जिला आगरा/AGRA में फ़तेह-पुर सेकरि /FATEHPUR SIKRI नामी मक़ाम पर 1576 में अकबर ने [''बुलंद बरवाज़ा ''] नाम से एक अज़ीम बुलंद दरवाज़े की तामीर/BUILT कराइ। इस की तामीर गुजरात की फ़तेह की ख़ुशी में की गई। यह दुन्या का सब से बड़ा दरवाज़ा होने के साथ-साथ MUGHAL ARCHITECTURE की ज़िंदा मिसाल है। अकबर-ए आज़म ने बेटे सेहज़ादे सलीम के जनम के लिए यहीं दुआ की थी। यहाँ मशहूर बुज़ुर्ग सलीम चिस्ती रेहमतु-लाह अलेह की मज़ार है। उन्ही के नाम पर सेहज़ादे का नाम सलीम रखा गया। बुलंद दरवाज़ा मज़ार के करीब ही बना हुआ है। इस दरवाज़े की ऊंचाई/HEIGHT ज़मीन से 54 मीटर्स/MITERS है। जो के लग-भग 15 मंज़िला ईमारत के बराबर ऊँचा है। लगातार बारह /12 सालों की शदीद मेहनत के बाद इस की तामीर मुक़मल /COMPLETE हुई। 



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