FARISHTE
- फरिश्तों को भी अल्लाह-ताला ने पैदा किया है ,वह Normally /आम तोर पे दिखाई नहीं देते। वह ना मर्द हैं और ना औरत। वह कोई गुनाह/बुरा काम नहीं करते। अल्लाह ने उन को जिन काम के लिए कहा है वोह सिर्फ उसी काम को ठीक ठीक तरहा से करते है। फ़रिश्ते बोहत हैं जिन की सही गिन्ती अल्लाह के सिवा किसी को नहीं मालूम।
- ''हज़रत जिब्राइल अलेह सलाम '' जो अल्लाह ताला एहकाम /बातें और किताबें नबियों तक लाते थे।
- ''हज़रत इसराफिल अलेह सलाम '' जो क़यामत के दिन सुर फूकेंगे /आवाज़ देंगे।
- ''हज़रत मिकाइल अलेह सलाम'' जो मिना /बारिश बरसाने और बन्दों /लोगों को उन का रिज़्क़ पोहचाने का काम पूरा करते है।
- ''हज़रत इज़राइल अलेह सलाम'' जो बन्दों/लोगों की जान निकाल्ने का काम करते है।
- मुनकिर नाकिर जो कब्र में सवाल करेंगे
- करामन कातेबीन जो इंसान के अच्छे और बुरे काम लिखने पर मुकर्रर/फ़ाएज़ हैं।
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