INTELLIGENT FARMER
किसान ने जवाब दिया ''हुज़ूर बस यह समझ लिजिए एक /1 रुपए रोज के हिसाब से पड़ जाता है ''
''अच्छा एक रूपए रोज। तो फ़िर तुम इस एक रुपए का क्या करते हो ?''राजा ने पूछा
''जी इस एक रुपए में चार आने तो रोज खा लेता हूँ। चार आने का क़र्ज़ उतारता हूँ और चार आने क़र्ज़ देता हूँ। अब बाकि बचे चार आने तो उन्हें कुंआ में फेंक देता हूँ। ''
राजा किसान की बात सुन कर हैरान हुआ ,इस से पूछा ''मैं तुम्हारी बात का मत्लब नहीं समझा। मुझे इस का मतलब समझाओ ''किसान ने हाँथ जोड़ कर कहा ''हुज़ूर इस का मतलब यह है के चार आने जो खता हूँ वह तो मेरे ऊपर और मेरी बीवी पे खर्च होते हैं। चार आने का जो क़र्ज़ उतारता हूँ इस का मतलब है के चार आने अपने माँ बाप पे खर्च करता हूँ। उन्हों ने मुझे पालने-पोसने पे जो खर्च किया था वह मुझ पे क़र्ज़ है। चार आने जो क़र्ज़ देता हूँ वह में अपने बच्चों पे खर्च करता हूँ ता के जब बूढ़ा हो जाऊं तो वोह मेरी खिदमत करें। चार आने जो कुँए में फेंकता हूँ तो इस का मतलब है के मैं चार आने खैरात/दान करता हूँ।'' राजा ये जवाब सुन कर बोहत खुश हुआ। इस ने किसान को इनाम दिया और कहा ''देखो जब तक तुम मेरी सूरत सो /100 बार न देख लो इस बात को किसी से न बताना'' किसान ने वादा कर लिया। राजा अपने मेहल वापस चला आया।
अगले दिन इस ने ये बात दरबारियों को बताई और इस ने सब से इस का मतलब पूछा ,मगर कोई भी इस का मतलब ना बता सका। वज़ीर बोहत होशियार था। इस ने राजा से कहा ''सरकार कल मैं इस का मतलब आप को बताऊंगा। ''
वज़ीर इसी दिन उस किसान के पास गया और इस से इस की बात का मतलब पूछा। किसान ने कहा ''राजा ने मुझे मना किया है। मैं जब तक सो बार इस की सूरत न देख लुं तुम्हे इस का मतलब नहीं बता सकता। ''
वज़ीर ने कहा ''कोइ तरकीब बताओ ,मैं राजा से वादा कर चूका हूँ के कल उसे इस का मतलब ज़रूर बताऊंगा। ''
किसान कुछ देर तक तो सोचता रहा और फिर इस ने कहा ''एक तरकीब है ,तुम मुझे सो /100 अशरफियां /coins दो ,मैं तुम्हे यह बात बता दूंगा। ''वज़ीर इस के लिए तैयार हो गया। इस ने किसान को उसी वक्त सो अशरफियां दे दी। किसान बोहत खुश हुआ और इस ने वज़ीर को सब कुछ बता दिया। अगले दी मेहेल के दरबार में राजा ने वज़ीर से किसान की बात का मतलब पूछा तो वज़ीर ने किसान की बात का ठिक-ठिक मतलब बता दिया। राजा को किसान पे बोहत गुसा आया।
इस ने तुरंत सिपाही भेज कर किसान को दरबार में बुलाया। किसान दरबार में आया तो राजा ने कहा ''तुम ने हम से वादा किया था के किसी को अपनी बात का मतलब नहीं बताओगे लेकिन तुम ने वज़ीर को सब कुछ बता दिया। तुम ने वादा खिलाफी क्यूँ की ? किसान ने कहा ''सरकार आप से वादा किया था के जब तक मैं आप की सूरत सो/100 बार न देख लुं इस राज़ को किसी को न बताऊंगा। ''
''हां ठीक है मगर तुम ने एक बार भी मेरी सूरत नहीं देखी।'' ''नहीं सरकार मेरे पास सो /100 अशरफियां हैं। इन पर आप की तस्वीर बानी है। मैं ने सो /100 अशर्फियों को देख कर ही येह बात बताई। ''
राजा किसान की अक्लमंदी पर बोहत खुश हुआ और इस ने उसे सो /100 अशरफियां और ईनाम में दी। किसान खुश-खुश राजा को दुआ देता हुआ अपने घर चला गया।
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