INTELLIGENT SON


  पुराने ज़माने की बात है किसी गाओं में एक ज़मीन-दार रहता था वह बोहत नेक और अकल्मन्द था इस का एक बेटा भी बोहत अकल्मन्द था। इस के अलावा ज़मीन-दर के दो और बेटे थे। एक दिन वह सोच रहा था की तीनो बेटों में से किस को अपना वारिस बनाए ,इसे एक तरकीब /IDEA आया। 
  ज़मीन-दर ने अपने तीनो बेटों का इम्तेहान /TEST लेने के लिए तीनो को एक-एक रुपए दिया और कहा जाओ इस से अपने लिए खाना और मुरगी/CHICKEN  के लिए दाना और बकरी /GOAT के लिए चारा ले आना। तीनो भाई एक-एक रुपए ले कर बाजार गए लेकिन इन के लिए मुश्किल यह थी के एक रुपए में अगर बकरी के लिए खाना और मुरगी के लिए दाना ले लेते तो कुध भूके रेह जाते। 
 बड़े और मंजले भाई की समझ में येह नहीं आया के क्या करें आखिर उन्हों ने पेट भर कर खाना खा लिया और बकरी और मुर्गी के लिए कुछ नहीं लिया। खा-पि कर दोनों घर आ गए बाप ने बेटों को खाली हाँथ देखा तो पूछा तुम ने एक रुपए का क्या किया ? दोनों ने एक ही जवाब दिया एक रुपए में हम ने बड़ी मुश्कील से पेट भर कर खाना खाया इस लिए हम मुरगी और बकरी के लिए कुछ नहीं ला पाए। 
कुछ देर बाद तीसरा और सब से छोटा भाई वापस आया। 
बाप ने इस से पूछा तुम क्या लाए ?
वह बोला मैं एक तरबूज़/WATERMELON लाया हूँ। 
यह सुन कर दोनों भाइयों ने कहा। इस तरबूज़ का तुम क्या करो गे ?
तीसरे भाई ने जवाब दिया के तरबूज़ का गुदा /PULP तो मैं खाऊंगा। छिलके बकरी खाएगी और बीज मुरगी को खिलाऊंगा। ज़मीन-दर बेटे की बात सुन कर बोहत खुश हुआ और इसे अपना वारिस बना लिया। 


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