QUR'AN


क़ुरान मजीद अल्लाह की वह मुकदस किताब है जो आखरी पैगम्बर/नबी ''हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम '' पर नाज़िल की गई। पूरा क़ुरान शरीफ रामज़ा-नुल मुबारक की लायलत-अल-क़द्र में अल्लाह की तरफ से आसमानी दुन्या पर एक-बारगी नाज़िल हुआ। यह मुकदस किताब इंजील के 360 /तीन सो साठ साल या पांच सो/500 साल बाद नाज़िल हुई। फिर पूरा क़ुरान तैतीस [23] साल में थोड़ा थोड़ा नाज़िल किया गया। सब से पहली सूरेह अलक़ की शुरवाती आयात नाज़िल हुई। क़ुरान मजीद में 83/ सूरतें हिजरत से पहले और 31/ सूरतें हिजरत के बाद में नाज़िल हुई। मदीना शरीफ में जो सूरतें नाज़िल हुई इन को ''मदनी ''केहते हैं और जो मक्का में नाज़िल हुई इन को ''मक्की केहते हैं। क़ुरान पाक में कई अम्बियाए-कराम के नाम, 12 फरिश्तों के नाम, एक इस्लामी महीने का नाम और एक सहाबी-ए रसूल का नाम भी आया है। 



 

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