story of acharya kripalani / j.b.kripalani


अंग्रेज़ों के ज़माने मुज़फर नगर के सरकारी कोल्लेगे /collage के प्रिंसिपल /principle को एक तार /letter मिला ,'' मैं चम्पारन जा रहा हूँ ,रास्ते में तुम्हारे यहाँ आऊंगा '' यह तार /letter महात्मा गाँधी की तरफ से जिस सरकारी  कोल्लेगे /collage के प्रिंसिपल /principle को आया था उन का नाम था प्रिंसिपल /principle j.b kripalani जो  बाद में ''आचार्य क्रिपालानि ''के नाम से मशहूर /famous हुए। इस वक़्त बिहार के चम्पारन में रहने वाले गरीब किसानो और अमीर जमीन मालिकों के बिच ज़बर्दस्त आन्दोलन चल रहा था। गरीब किसानो का कोई मदद करने वाला नहीं था, क्यू के अमीर जमीन मालिकों को ब्रिटिश सर्कार की मदद हासिल थी। गाँधी जी इस आन्दोलन में किसानों के हक में आवाज़ उठाने के लिए आने वाले थे। किसी सरकारी कोल्लगे /collage के प्रिंसिपल /principle के घर ब्रिटिश सर्कार के कटर दुश्मन गाँधी जी की आमद एक अजीब बात थी। जैसे ही यह ख़बर कोल्लेगे /collage के स्टाफ /कर्मचारी में फैली ढ़र के मरे कई लोग वहां से भाग गए के कही उन का नाम सर्कार के दुश्मनो की list / फेहरिस्त में न आ जाए लेकिन आचार्य क्रिपालानि ज़रा भी नहीं घबराए। उन्हों ने तलबा/students को इस बात के लिए राज़ी कर लिया के वोह इस्टेशन /station पर महात्मा गाँधी जी का सवागत करेंगे। रात का वक़्त था सेहेर की दुकाने बंद हो गई थीं।  आचार्य क्रिपालानि अपने तलबा/students साथ रेल-वे इस्टेशन /railway station पहंच गए। सवागत की सारि तैयारी पूरी हो गई। अचानक उन्हें ख्याल आया के आरती की थाल में नारयल /coconut नहीं है। जब उन्हों ने तलबा/students से पूछा तो उन्हों ने कहा ''सर सारि दुकानें बंद हो गई हैं, इस वक़त नारयल /coconut कहाँ मिले गा?'' आचार्य जी ने कहा ''मैं अभी गया और अभी आया '' तलबा/students समझे की क्रिपालानि जी अपनी किसी पेहचान के किसी दुकानदार को नींद से उठाएंगे और नारयल /coconut ले आएँगे। थोड़ी ही देर में क्रिपालानि जी दो चार नारयल /coconut ले कर आ गए।  तलबा/students ने पूछा ''सर इतनी रात में आप को नारयल कहाँ से मिले ?'' क्रिपालानि जी ने जवाब दिया '' इस्टेशन /station के बाहर नारयल का एक पेड़ है मैं इस पेड़ पर चढ़हा और येह नारयल तोड़ कर ले आया। '' इन का यह जवाब सुन कर तलबा/students हका-बका रह गए, इतनी रात गए नारयल के पेड़ पर चढ़ह कर नारयल तोड़ने की हिंमत वही कर सकता है जिस के दिल में अपने नेता के लिए इज़त हो, और वह किसी खतरे से नहीं डरता हो। भारत के दूसरे /2nd वज़ीरे-आज़म /PRIME MINISTER लाल बहादुर शास्त्री इन्ही आचार्य क्रिपालानि जी के student/छात्र थे। 

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