ZABUR [Psalms]
ज़बूर अल्लाह तबारक-व-ताला की वोह मुकदस किताब है जो हज़रत दावूद अलेह-सलाम पर नाज़िल की गई। येह मुकदस किताब रमज़ान शरीफ की बारह/12 या अठरा/18 तारिक को नाज़िल हुई। येह अबरानी ज़बान में नाज़िल की गई थी। येह आसमानी किताब तौरेत के बाद नाज़िल हुई। इस में एक सो पचास/150 सूरतें थीं, सब में दुआ, अल्लाह तबारक-व-ताला की हम्द, उस की तारीफ और अल्लाह तबारक-व-ताला के हुकुम थे। इस आसमानी किताब की सब से बड़ी और लम्बी सूरेह क़ुरान पाक की चैथाई के बराबर थी और सब से छोटी सूरेह क़ुरान पाक की ''सूरह-तूं-नसर '' के बराबर थी। हज़रत दावूद अलेह-सलाम ज़बूर शरीफ को सत्तर/70 आवाज़ों में तिलावत फरमाते /read किया करते थे। हज़रत दावूद अलेह-सलाम हज़रत मूसा अलेह-सलाम से पांच सो उनासी [579] साल बाद और हमारे आका हज़रत मोहम्मद मुस्तफा सलल्लाह-हु-अलेह-व-सलम से एक हज़ार आठ सो [1800] साल पेहले तशरीफ़ लाए
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