charlie spencer chaplin biography
चार्ली चैपलिन खामोश फिल्मों के सब से ज़यादा प्रसिद्ध अदाकार थे। वह गरीब और कमज़ोर तब्के के रेहनुमा थे। गरीबी में बच्पन गुज़रा था, गरीबों का दर्द समझते थे। इन का विशेष हुल्या था। चेहरे पर छोटी छोटी मूंछें, खास तरह की टोपी, ढीली ढाली पैंट, बड़े बड़े जूते और छड़ी ...... मंच पर इन के आते ही दर्शक ख़ुशी से चिल्लाना और तलयान बजाना शुरू कर देते। चार्ली का मुस्कुराता हुआ चेहरा इन का दिल जित लेता। चार्ली चैपलिन दुन्या के सब से ज़यादा मशहूर/प्रसिद्ध अदाकार के साथ साथ हास्य अभिनेता/ comedian और निदेशक/director भी थे और आगे भी हमेशा उन्हें याद रखा जाएगा।
चार्ली का जनम 16 अप्रैल 1889 को लंदन में हुआ। इन का पूरा नाम चार्ली स्पेंसर चैपलिन [charli spencer chaplin] था। पिता का नाम चार्लिस [charlis] और माँ का नाम हाइना [haina] था। चार्ली का एक सौतेला भाई भी था सिडनी जॉन गिल [sydney john gill], जिस ने बाद में खानदानी नाम चैपलिन/सिडनी चैपलिन [sydney chaplin] रख लिया।
चार्ली की माता actors और पिता गायक/singer थे। ये दोनों लंदन के एक concert hall में काम किया करते थे। जब इन दोनों के बिच दुरया आने लगी और ये दोनों अलग हो गए तो घर की आर्थिक हालत बोहत ख़राब हो गई। हाइना [haina] की आवाज़ बैठ गई जिस की वजा से इसे इस का काम छोड़ना पड़ा। इस ने कहीं नर्स का काम किया तो कभी लोगों के कपडे सील कर गुज़ारा करने की कोशिश की। फिर concert hall में काम करने की कोशिश की। वहीँ वो याद गर वाक्या हुआ जिस ने चार्ली की ज़िंदगी का मकसद तए कर दिया।
ऐसा हुआ के एक दिन हाइना [haina] concert hall के मालिक से ज़िद कर के मंच पर पोहंच गई और गाना गाने लगी। इस की बैठी हुई आवाज़ सुनते ही दर्शकों ने शोर मचा कर इसे मंच से भगा दिया। इसी वक़्त 5 साल का नन्हा चार्ली दौड़ कर मंच पर पोहंचा और गाने लगा। दर्शकों को नन्हे चार्ली का जोश और इस का गाना पसंद आया। उन्हों ने खुश हो कर पैसे बरसाए और गानों की फरमाइश की। चार्ली ने इतने पैसे ज़िंदगी में कभी नहीं देखे थे।
बोहत ही मासूमयत से चार्ली ने कहा ''पहले पैसे उठा लूँ फिर गता हूँ।'' पैसे समेट कर चार्ली ने इसे अपनी जेब/pocket में रखे। दर्शकों को इस का ये अंदाज़ भी पसंद आया। चार्ली ने अपनी बैठी हुई आवाज़ की नक़ल कर के गीत सुनाया जो बोहत पसंद किया गया। चार्ली गता रहा। लोग पैसे फेंकते रहे। ये हाइना [haina] का आखरी शो था और वहीँ इस शो से चार्ली की ज़िंदगी के सफर की शुरुआत हुई।
हाइना [haina] अपनी न-कामी से इतनी नाराज़ नहीं हुई जितनी खुश वह चार्ली की कामयाबी से हुई। निश्चित रूप से वह एक अच्छी माँ थी। वह अपने बच्चों के लिए कुछ भी करने को तैयार रहती। वह चार्ली और सिडनी को बाइबिल की कहानीयां सुनाती। उन्हें खुश करने के लिए दूसरे लोगों की नक़ल उतार कर बताती। चार्ली ने एक्टिंग/acting,गीत गाना, नक़ल उतारना सब अपनी माँ से सीखा।
चार्ली बचपन में बड़ा हो गया। वह खेल ना सका, शरारतें ना कर सका, खुल कर हंस ना सका मगर अपनी एक्टिंग/acting से इस ने दूसरों को हंसाया उन्हें ख़ुशी दी। इधर चार्ली प्रयास कर रहा था उधर हाइना [haina] ज़िंदगी से लड़ रही थी। आखिर वह हार गई, पागल हो गई फिर मर गई।
चार्ली पर खुद की और छोटे भाई सिडनी की ज़िम्मेदारी आ-पडी। इस ने छोटी मोटी जो नौकरी मिली वो की, यहाँ तक के एक नाइ की दुकान में भी काम किया। धीरे धीरे चार्ली एक एक्टर/actor बन कर सामने आया। इस ने एक्टिंग /acting की दुन्या में कदम रखा।
. 1903 में चार्ली ने 'शेरलॉक होम्स/sherlock homes' फिल्म में काम किया।
. 1906 में चार्ली बेहरुपीये की हैसियत से दी क्रेजी सर्कस [the crazy circus] से जुड़ गया। एक साल तक वहां काम किया। एक अभिनेता/actor और एक comedian की हैसियत से वह ज़यादा मशहूर हुए। वह एक इज़तदार आदमी बन गया।
. 1907 में चार्ली ''lankashaire lads'' टीम में शामिल हुआ। ये टीम में बच्चे शामिल थे। विलियम जैक्सन [william jackson] इस टीम के founder थे। चार्ली ने वहां खूब नाम कमाया मगर दो साल का कान्ट्रैक्ट/contract ख़तम होने पर उसे 10 साल की उम्र में इस टीम से अलग होना पड़ा। मगर अब चार्ली के लिए कामयाबी के कई दरवाज़े खुल गए थे।
. 1907 में ही fred caro के ग्रुप/group [carnopento mime] से जुड़ा और 1910 में caro group के साथ अमेरिका और कनाडा का दौरा किया।
. 1913 में चार्ली ने एडम कैसेल [adam cassel] के साथ हफ्ते का 125 dollars की नौकरी की मगर जल्द ही इसे छोड़ कर कीस्टोन फिल्म्स [keestone films] के साथ समझौता/agreement कर लिया। यहाँ से कामयाबी चार्ली के कदम चूमने लगी।
चार्ली की शोहरत/प्रसिद्धि आसमान छूने लगी। ऐसा हुआ के वह अमेरिका से पहली बार लंदन वापस आए तो इन्हें 73 हज़ार तारीफी लेटर्स /appriciation letters मिले। 700 लोगों ने इनके रिश्ते दार होने का और कम-अज़-कम 9 औरतों ने चार्ली की माँ होने का झूठा दावा किया। शोहरत/प्रसिद्धि के बढ़ने के साथ साथ इन की कमाई भी बढ़ी और इतनी बढ़ी के कुछ produsers मुआवज़ा/compensation [दे नहीं पा रहे थे] देने में मजूरी ज़ाहिर करने लगे। इसी वक़्त जनुअरी 1914 में चार्ली ने अपनी पहली फिल्म [making a living] बनाई जिस को लोगों ने बोहत पसंद किया। ये 15 मिनट की फिल्म थी।
. 1920 से चार्ली ने फिल्में बनाना और फिल्में डायरेक्ट/direct करना शुरू किया, और निदेशक/director, अभिनेता/actor'', हास्य अभिनेता/ comedian तीन ज़िम्मेदारीयां एक साथ संभालने लगे ....ये इन की शुरुआती फिल्म्स थीं।
- the little tramp
- the kid in [1920]
- the gold rush in [1920]
- the champion
- shoulder arms
- the immigrant
चार्ली ने बोलती फ़िल्में भी बनाई
- city light in [1931]
- morden times in [1936]
- the great director in [1940]
- mainsionr verdouux in [1947]
- lime light in [1952]
चार्ली खामोश/scilent फ़िल्में के अदाकार थे मगर इन की ख़ामोशी बोलती थी, जो बच्चों, बड़ों सभी को पसंद आती। इन की acting इतनी अच्छी होती थी के अल्फ़ाज़ों या आवाज़ की ज़रूरत ही नहीं पड़ती थी।
रोल चाहे मज़ाहिया हो, गुसे वाला हो, रेहम दिली वाला हो कैसा भी रोल होता वह हर रोल काफी अच्छे से अदा करते के ऐसा लगता के ये कोई फिल्म नहीं सच हो। चार्ली हास्य अभिनेता/comedian की हैसियत से ज़यादा मशहुर/प्रसिद्ध रहें। मगर हकीकत में वह हर रंग में रंग जाने वाले अदाकार थे। हसी हसी में ज़िंदगी की कड़वी हकीकत सामने ला देते थे। रोतों को हँसा देते थे तो कभी उन की अदाकारी हँसते हँसते रोने पर मजबूर कर देती थी। The great director फिल्म में चार्ली ने नाइ की दुकान में काम करते वक़्त के अपने जज़्बात बताए। The gold rush में मज़दूर को ज़बरदस्ती मशीन/machine से खाना खिलाने का मंज़र है
25 दिसंबर 1977 Christmas के महीने में 88 की उम्र में liver ख़राब होने की वजा से एक बोहत अच्छे अदाकार, बोहत अच्छे इंसान, काफी अच्छे comedian चार्ली स्पेंसर चैपलिन इस दुन्या से चले गए।
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