Ritesh Agarwal story/Journey of OYO rooms

 


हर किसी ने स्टार्ट-उप कम्पनी का नाम ज़रूर सुना होगा। स्टार्ट-उप कम्पनी वह वह छोटा व्यापार या ट्रांसपोर्ट कम्पनी होती है जो आम तोर से बोहत तेज़ी से तर्रकी करते हुए दुन्या भर में बिलकुल उभर के सामने आती है। अपने अनोखे पन और नए अंदाज़ से ये स्टार्ट-उप कम्पनीस बोहत ही काम वक़्त में अच्छा व्यापार कर लेती है। क्यू की ये कम्पनीस मार्किट के मुताबिक/अनुसार चीज़ें/Products को नए अंदाज़ में पेश करती है, इस लिए स्टार्ट-उप कम्पनीस तेज़ी से फूलती-फलती है। 
ऐसी ही एक स्टार्ट-उप कम्पनी है ''OYO ROOMS'' एक कामयाब स्टार्ट-उप कम्पनी जिस के अंतर्गत/under में देश के 500 से ज़यादा hotels/होटल्स के 50,000 से ज़यादा rooms हैं। जो काफी कम कीमत पर उपलब्ध है, जिन्हें बजट होटल्स भी कहा जाता है।
OYO कम्पनी का कूद का कोई होटल नहीं है। इस कम्पनी ने छोटे और अप्रसिद्ध होटल्स को अपन साथ मिलाया। कम्पनी का असली मकसद छोटे और अप्रसिद्ध होटल्स को अच्छी services/सेवा के साथ और technology के साथ कम कीमत में ग्राहकों को देना/प्रदान करना था।
साफ-सफाई,
technology, कम कीमत, ज़यादा और अच्छी services/सेवा, ये सब इस OYO कम्पनी की कामयाबी का राज़ बना। 
OYO ROOMS के इस अनोखे ख्याल के पीछे सिर्फ 23 साल के ''रितेश अग्रवाल'' हैं। रितेश वह कामयाब नौजवान हैं जो सिर्फ अपने नए अंदाज़ और अनोखे पन की वजा से बोहत जल्द तर्रकी हासिल कर गए। कटक, ओडिशा में पैदा हुए रितेश बोहत कम उम्र के कामयाब व्यवसायी/ businessman बन चुके हैं।
इन की कामयाबी का ये सफर ज़यादा लम्बा नहीं सिर्फ 17/ साल की उम्र में रितेश ने इस ख्याल के ज़रिए काम शुरू किया और अगले 2 साल में बोहत खूबसूरती से अपने कम को संभाला और कामयाब हुए। 
रितेश अग्रवाल ने 12th के बाद कारोबारी दुन्या में कदम रखने से पहले दिल्ली के मशहूर/प्रसिद्ध कोलेज [indian school of business and finance] में प्रवेश/admission लिया। लेकिन साथ ही व्यापार के धुन ने इस बात पर मजबूर कर दिया के वो खुद की अपनी एक कम्पनी शुरू करें। 
OYO ROOMS से पहले 
रितेश ने अपनी कंपनी शुरू करने से पहले देश के कई स्थानों की सेर की, खास तोर से उन जगहों पर गए जहां अक्सर ज़यादा तर लोग घूमने जाया करते हैं। ता-के इन जगहों पर जा कर  ग्राहकों के असली मुसीबतों को समझ सकें। अप्रसिद्ध और unbranded होटल्स की मुसीबतों को काम करने के साथ उन की कमाई को बढ़ाने के लिए इन्हों ने कुछ हल पेश किये और होटल्स के मालिकों से वादा किया के होटल को इस सुझाव/idea से फ़ायदा ज़रूर होगा और ऐसा ही हुआ। सिर्फ 17/ साल की उम्र में इन्हों ने अपनी खुद की ट्रेवल एजेंसी/travel agency [रावेल] नाम से शुरू की और जल्द ही रावेल को OYO ROOMS में बदल दिया। OYO ROOMS के मशहूर होने से रितेश को 22 साल की उम्र 2015 में Thiel Fellowship AWARD मिला रितेश पहले हिंदुस्तानी हैं जिन को ये अवार्ड/AWARD मिला इस के साथ 1 लाख US dollar जो लगभग 70 लाख हिंदुस्तानी रुपए हैं वह मिले। 
रितेश अग्रवाल को और बोहत से अवार्ड/awards मिल चुके हैं 
  • Forbes “30 under 30” in the consumer tech sector.
  • Top 50 entrepreneurs in 2013 by TATA First Dot powered by NEN awards.
  • TiE-Lumis Entrepreneurial Excellence award in 2014.
  • Business World young entrepreneur award.
रितेश ने इतनी कम उम्र में एक किताब भी लिखी जिस का नाम ''A Complete Encyclopaedia Of  Top 100 Engneering Colleges'' है। 
computer language के cods लिखने का काम रितेश 8 साल की उम्र से कर रहें हैं। 
रितेश के बोहत से interview और videos youtube पर मौजूद हैं। 



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