10 Best study tips for students
10 टिप्स/tips सिर्फ SSC या HSC वाले बच्चों के लिए नहीं बल्कि सभी बच्चों के लिए। अगर बच्चे इन टिप्स का पालन करेंगे या इन्हें FOLLOW करेंगे तो यक़ीनन उन की पढाई पे असर हो गा।
1 . 24 घंटों में संशोधन/Revision
ये साइंसी /Scientifically साबित हुआ है के स्टडी/Study के नाम पर जो कुछ भी पढ़हा गया है उसे 24/ घंटों में दोहराया/संशोधन/Revision कर लिया जाए। ऐसा करने से आप ने जितना कुछ पढ़हा था उस का 80 फीसद /percent भूल ना पाने के काबिल हो जाते हैं।
ऐसी सुरत में एक हफ्ते बाद भी सिर्फ कुछ मिनट का संशोधन/Revision आप को 100 फीसद /percent बातें याद रखने के काबिल बना दे गा।
2 . पढ़ने की जगह ब्दलते रहो।
तहक़ीक़ कारों का केहना है के पढाई के दौरान जब कोई छात्र जगह बदलता है तो इस से याद रखने की खूबी में बढ़ोत्री/improvement होता है। अभी आप एक कमरे में थे, अब दूसरे कमरे में आ जाइये, या थोड़ी देर पहले निचे बैठ कर पढ़ रहे थे अब कुरसी पर बैठ जाइये...
जगह और माहौल/वातावरण के परिवर्तन से ज़हन/दिमाग ताज़ह हो जाता है।
3. रुक रुक कर सोचिए के याद कैसे रखा जा सकता है !
तहक़ीक़ कारों का ये भी कहना है के पढ़हना, दो-बारह पढ़हना, बार बार पढ़हना कोई बोहत अच्छी आदत नहीं बल्की अच्छी आदत ये है के जो पढ़हा जा रहा है उसे समझा जाए और सोचा जाए के इसे कैसे याद रख सकते हैं। इस का एक तरीका ये है के कुछ हिसा पढ़ह कर किताब बंद कर के धयान से सोचा जाए के क्या पढ़हा। इस तरीके का इस्तेमाल करने से याद रखना आसान हो जाए गा।
4 . एक ही पाठ/Chapter को बार बार लगातार न पढ़हे [Over learning]
[over learning] यानि 'ज़रूरत से ज़यादा पढ़ना' ठीक नहीं है। हमें ऐसा लगता है के पाठ या सवाल बार बार पढ़ने से वो ज़यादा याद हो जाता है लेकिन तहक़ीक़ कारों का केहना है के रटना या बार बार पढ़ना अच्छी चीज़ नहीं है। इस से बेहतर है के जो पढ़हा है उस पर धयान दें के क्या क्या पढ़हा था और इस में से कितना याद है ?
पढ़हना और पढ़हेते चले जाना काफी नहीं होता। सही ये है के जो आप ने पढ़हा उस के बारे में सोचिए और उसे अपने ख़यालात में ढालये। इस तरीके के तेहत जो छात्र पढ़हने के बाद पढ़ही हुई चीज़ को अपने तोर पर सोचते हैं और एक ख्याल के तोर पर याद रखते हैं, वह चीज़ हमेशा उन के ज़हन/दिमाग में छाप जाती है।5 . धयान की मदद से पढ़ही गई चीज़ अपने दिमाग के साँचे में डालिए।
6 . पढाई वक़्त सिर्फ पढाई हो।
अगर आप चाहें के पढाई भी होती रहे और whats up पर आने वाले मेस्सिगेस/messages भी पढ़हे जाए या पढाई के बीच TV भी चल रहा हो तो ये बिलकुल ठीक नहीं है।
ये ज़ेहन को भटकाने वाला काम है इसे ''distraction'' कहते हैं। इस की वजा से याद रखना मुश्किल हो जाता है और बोहत कुछ ज़हन/दिमाग से निकल जाता है।
7 . पढहाई के बिच ''वक़्फ़ा/Gap'' ज़रूरी है।
पुरे धयान के साथ एक घंटा पढाई के बाद 7 से 10 मिनट का वक़्फ़ा/gap फायदे मंद होता है। बिना वक़्फ़ा/gap के, लगातार पढ़हने से दिमाग से एक खास किस्म का हॉर्मोन/ hormone [ corticotropin ] निकलता है जो याद्दाश को रोकता है। ''वक़्फ़ा/gap'' के बिच थोड़ी बोहत बात-चित, हलकी-फुल्की exercise /व्यायाम या और कोई दूसरी चीज़ जिस से मन और दिमाग को खुशी और शांति मिले ऐसा करना फायदे-मंद होता है।8 . अपने आप पर ज़बर्दस्ती बिलकुल ना कीजिए।
ज़बर्दस्ती पढ़हना और ज़हन/दिमाग राज़ी ना हो इस के बा-वजूद पढ़ते चले जाना अच्छी आदतें नहीं हैं। नींद आ रही हो तो सो जाना बेहतर होगा, पढाई में दिल ना लग रहा हो तो ठेर जाना बेहतर होगा और समझ में ना आ रहा हो तो समझने के और दूसरे तरीके आज़माना बेहतर होगा। बोहत से छात्र चाय पि-पि कर या कुछ-ना-कुछ खाते हुए जागते रहने की कोशिस करते हैं। ये ठीक नहीं है।
9 . अपने आप से पूछिए/खुद से सवाल कीजिए।
एक रिसर्च/research से साबित हुआ है के जो छात्र पढाई करने के बाद किताब बंद कर के खुद से सवाल/प्रश्न करते हैं और फिर जवाब/उत्तर के बारे में खुद को टटोलते हैं वह छात्र याद कि हुई चीज़ को काफी ज़यादा वक़्त तक याद रखने काबिल होते हैं। विशेषज्ञों/experts का कहना है के एक पाठ /chapter पढ़ह लेने के बाद इस पाठ /chapter के पूछे गए प्रश्नों को हल करें।10 . हर छात्र को व्यायाम/Exercise ज़रूर करनी चाहिए।
Exercise /व्यायाम करने वाले छात्र बेहतर अंदाज़ में पढाई करते हैं। व्यायाम करने या exercise करने से दिमाग में खून का प्रसार/circulation बढ़ता है जिस से याद्दाश्त बेह्तर होती है। इस बारे में बताया गया है के अध्ययन तालिका/study table पर बैठने से पहले हलकी-फुल्की exercise ज़यादा फ़ायदा देती है।
[नमाज़ की पाबन्दी कर लें तो इस से ज़यादा फायदे-मंद exercise कोई नहीं ]












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