पंडित जवाहर लाल नेहरू आज़ाद हिंदुस्तान के पहले प्रधान मंत्री थे। 14/ नवम्बर 1889 का दिन ना-सिर्फ नेहरू खानदान के लिए ख़ुशी का दिन था बल्के ये हिंदुस्तान की तारिक का भी एक एहम दिन था। क्यू के इस दिन मोती लाल नेहरू के घर जिस बच्चे का जनम हुआ वह आगे चल कर हिंदुस्तान की जंगे-ए-आज़ादी का सिपाही और आज़ाद हिंदुस्तान का पहला प्रधान मंत्री बना। जवाहर लाल नेहरू का बच्पन अंग्रेज़ों की तरह बिता और उन्हों ने बड़े लाड प्यार वाली परवरिश पाई। इन की शुरुआती शिक्षा घर पर हुई। 15 बरस की उम्र में इन के पिता-जी ने इन्हें लन्दन के एक स्कूल में दाखिल/ADDMISSION कराया।
18 साल की उम्र में भारत वापस आने के बाद बैरिस्टरी शुरू कर दी। 1912 में हिंदुस्तान आने के बाद नेहरू ने सियासत में कदम रखा। 7/ फरवरी 1916 को उम्र के 26/ वें साल में पंडित जवाहर लाल नेहरू की शादी दिल्ली के एक बड़े वैपारि की बेटी कमला कोल से हुई जो आगे चल कर कमला नेहरू के नाम से मशहूर/प्रसिद्ध हुईं।
19/ नवम्बर 1917 को पंडित नेहरू एक बेटी के बाप बने जिस का नाम इन्दिरा प्रियदर्शिनी रखा गया जो आगे चल कर हिंदुस्तान की पहली महिला प्रधान मंत्री बनीं। हिंदुस्तान में पंडित नेहरू वकालत छोड़ कर सियासी कैंपेन में हिसा लेने लगे।1919 में होम/home कैंपेन के सदर की ज़िम्मेदारियाँ अंजाम दी। 1916 में गांधी जी से पहली मुलाकात हुई फिर ये पहली मुलाकात ऐसी फूली-फली के 32/साल तक गांधी जी का साथ रहा और जिस ने हिंदुस्तान की तारिक को एक नया मोड़ दिया।
1929 में पंडित नेहरू पहली बार कांग्रेस के सदर चुने गए। 1942 मुंबई कांग्रेस रैली में नेहरू ने गांधी जी की ''भारत छोड़ो'' तेहरिक/राय पेश की। जिस के परिणाम स्वरुप इन्हें गिरफ्तार कर के एहमद नगर जेल भेज दिया गया। इस जेल में मौलाना आज़ाद और पंडित नेहरू एक साथ कैद रहे। इस बिच मौलाना आज़ाद ने खतूत का मजमुआ ''गाबार खातिर'' और पंडित नेहरू ने ''डिस्कवरी ऑफ़ इंडिया /discovery of india'' जैसी पुस्तक लिखी और दुन्या में अपना दर्जा और मक़ाम बुलंद किया।
पंडित जवाहर लाल नेहरू एक ऐसे इंसान थे जिन्हों ने रवादारी, इंसानियत, सेकुलरिज्म और इंसाफ की शिक्षा दी। उर्दू ज़बान से उन्हें काफी लगाओ था। वह अकबर अलाबादी और अल्लामा इक़बाल की शायरी पसंद करते थे। जंग-ए-आज़ादी की लड़ाई में इन्हों ने तक़रीबन 9 बार जेल की सख्तियां बर्दाश्त कीं। अल्मोरा जेल में कैद के दौरान पंडित नेहरू ने अपनी आत्मकथा लिखी। 15/ अगस्त 1947 को हिंदुस्तान आज़ाद हुआ तो पंडित जवाहर लाल नेहरू ने आज़ाद हिंदुस्तान के पहले प्रधान मंत्री की हैसियत से हल्फ उठाया। वह एक अच्छे लीडर, दानिश्वर, सच्चे और काफी अच्छे इंसान थे।
27/ मई 1964 को आज़ाद हिंदुस्तान के नेक, गांधी वादी और इंसाफ पसंद इंसान की साँस हमेशा के लिए रुक गई।
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